गुड़हल की पत्तियों पीली क्यों हो जाती है ? // Hibiscus plant care

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            गुड़हल की पीली पत्तियों का 
                कारण और उपचार 
              Hibiscus plant care
              
                      Lemon plant care

नमस्कार दोस्तों ! आप में से बहुत सारे दोस्तों ने गुड़हल Hibiscus जरूर लगाए होंगे । और आज हम बात करने वाले हैं।  गुड़हल के पौधे पर जो पत्तियां हैं। बो पीली क्यों पडती हैं। और अगर पीली पड़ती हैं तो उन से कैसे बचा जा सकता है। दोस्तों हम आपको प्रॉपर तरीके से जानकारी देने वाले हैं। 
गुड़हल Hibiscus की पत्तियों पीली होने के निम्न कारण 

(1)➡️ पहला जो कारण है। गुड़हल पर पीली पत्तियां पडने का बो है। गमले से पानी ना निकलना। आप में से
बहुत सारे दोस्त गमले में जो ड्रेनेज होल होता है। उसे फालतू समझते हैं। और कभी उस पर ध्यान नहीं देती 
है। जब गमले का छेद रुक जाएगा। तो अतिरिक्त पानी होने पर पानी बाहर नहीं निकलेगा। नतीजा होगा पौधा ओवरवाटरिंग का शिकार होगा। और धीरे-धीरे पौधा मर जाएगा। इस समस्या से बचने का सीधा सीधा उपाय है।
15 से 20 दिन में या एक ऋतु में एक बार आप अपने गमलो में जो छेद है। होल है। उन्हें  चेक कर लीजिए।
अगर बो रुक गए हैं तो उन्हें खोल दीजिए। इससे आपके कभी भी पौधे ओवरवाटरिंग होने पर मारेंगे नहीं

(2)➡️ दूसरा जो कारण है। गुड़हल की पत्तियों पीली पडने का बो है। गुड़हल की कटाई छटाई ना करना कटाई छटाई को भी आमतौर पर लोग ज्यादा नही करना चाहते  जबकि बो नहीं जानते कि अगर हम पौधे की  कटाई छटाई नहीं करेंगे। तो पौधे पर जो सूखी पत्तियों  
है। या फिर जो सूखी लकड़िया है।  उन पर मकड़ी आ जाएगी। या अन्य रोग आ जाएंगे।  जब कोई रोग आता है। तो धीरे-धीरे आपके पौधे की पत्तियों को सुखना शुरू कर देता है। गुडहल पर भी समस्याएं आम हैं। इसलिए साल में दो बार आप अपने गुड़हल के पौधे की कटाई छटाई  जरूर कीजिएगा।  पौधे की कटाई छटाई करने पर पौधे पर जो नई पत्तियां आती हैं। या फिर पौधे पर जो नई ब्रांच आती हैं। उन से गुड़हल के पौधे का काफी अच्छा विकास होता है। 

(3)➡️  तीसरा जो कारण है। पौधे में खाद की कमी आमतौर पर हम ध्यान नहीं देते। वर्षों तक एक ही गमले की मिट्टी को यूज करते रहते है। और पौधे में जो है। फ़र्टिलाइज़र की कमी हो जाती है। इससे भी पत्तियां पीली पड़ती हैं। अगर फर्टिलाइजर की कमी से पत्तियांंं पीली पड़ रही है। तो ध्यान रखिए पत्तियों का साइज छोटा हो जाएगा। और पत्तियों पर झुर्रियां पड़ने लगेगी या पत्तियां फटने लगेंगी। तो आप अपने गुड़हल के पौधे में समय से खाद दें। कभी-कभी जो हम अपने गुड़हल के पौधेे में खाद देती हैं। वह सही नहीं होती है। या फिर उस खाद में जरूरी पोषक तत्व नहीं होते हैं।  तो आप अपने गुड़हल के पौधेेे में उच्च स्तर की खाद दीजिए। या फिर आप अपने गुड़हल के पौधे में फुली डी कंपोस्ट गोबर खाद दीजिए। या फिर आप अपने गुड़हल के पौधे में वर्मी कंपोस्ट खाद भी डाल सकते हैं।

(4) ➡️ चौथा कारण है। कभी-कभी हम अपनी गुड़हल के पौधे से ज्यादा फूल लेने के लिए कई तरह के  फर्टिलाइजर अपने गुड़हल के पौधे में डाल देते हैं।
 जैसे कि DAP, NPK, पोटास, मैग्नीशियम सल्फेट 
आदि । इन फर्टिलाइजरो से हमारे गुड़हल के पौधे पर फूल तो ज्यादा आने लगते हैं।  ओवर फर्टिलाइजर होने पर भी गुड़हल के पौधे की पत्तियां पीली पडने लगती हैं।
गुड़हल के पौधे में ओवर फ़र्टिलाइज़र की मात्रा होने पर गुड़हल के पौधे की पत्तियां साइट से जलने लगती हैं। 
 तब आपको अपने गुड़हल के पौधे में फ़र्टिलाइज़र की मात्रा कम कर देनी है। या फिर आपको अपने गुड़हल के पौधे में फर्टिलाइजर कम से कम 3 महीने तक नहीं देना 
है । 

 अगर आप इस तरीके से अपने गुड़हल के पौधे की देखभाल कर लेते हैं। तो आपके गुड़हल के पौधे की पत्तियां पीली होकर के नहीं गिरेगी । और पौधे की ग्रोथ भी तेजी से होगी। अगर आपको हमारी यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो इस पोस्ट को एक बार शेयर जरूर कीजिए।

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