करेले में लगने वाली बीमारियां और रोकथाम
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करेला अपने विशेष औषधीय गुणों के कारण सब्जियों में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसकी खेती भारत वर्ष में खरीफ और जायद दोनों ॠतुओं की जाती है। आइए जानते हैं। करेले की फसल में कौन-कौन सी बीमारियों का अटैक होता है। और इसे कैसे रोका जा सकता है।
बीमारियां diseases
करेले की फसल को ज्यादातर बर्बाद करने वाला अगर कोई कीट है। तो वह है। तनाभेदक कीट यह कीट अगर एक बार आपकी फसल में लग जाए तो बहुत ही मुश्किल होता है। इससे निजात पाना यें कीट करेले की पत्तियों को बिल्कुल नष्ट कर देता है। जिसके कारण करेले की खेती खत्म हो जाती है। और हमारे किसान भाइयों को काफी ज्यादा नुकसान भी होता है। तो आइए जानते हैं। इस समस्या से आप कैसे छुटकारा पा सकती हैं।
रोकथाम Prevention
(1). करेले की फसल में तनाभेदक कीट से छुटकारा पाने के लिए आप अपनी फसलों में चूल्हे की राख को छिड़कते रहने से तनाभेदक कीट नहीं लगता है।
(2). करेले की फसल में तनाभेदक कीट से निजात पाने के लिए किसान भाई अपनी करेले की फसल में छाछ, मट्ठा का प्रयोग करके तनाभेदक कीट बिल्कुल नष्ट कर सकते हैं। 15 लीटर पानी में 350 मिली छाछ, मट्ठा मिलाकर करेले की फसल में छिड़काव करने पर इनको आसानी से नष्ट किया जा सकता है।
(3). करेले की फसल में आप नीम की पत्तियों से ऑयल निकालकर 15 लीटर पानी में 300 मिली नीम ऑयल मिलाना है। और करेले की फसल में छिड़काव करना हैं। इससे भी तनाभेदक कीट नष्ट हो जाएंगे।
(4). हम आपको यहां पर केमिकल कीटनाशक दवाओं को भी बता सकते थे। लेकिन हमें अपनी खाने पीने की चीजों में जैसे सब्जियां हैं। फल हैं। फल हैं। कभी भी केमिकल कीटनाशक दवाओं का छिड़काव नहीं करना चाहिए। केमिकल कीटनाशक दवाएं। हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही ज्यादा हानिकारक है। ज्यादातर आप अपनी खाने पीने की चीजों में ऑर्गेनिक दवाओं का ही छिड़काव करें। ऑर्गेनिक दवाएं हमारे स्वास्थ्य को कभी भी नुकसान नहीं पहुंचाती हैं। तो इस तरीके से आप अपनी करेले की फसल को तनााभेद कीट से बचा सकते हैं।
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