अमरूद guava को उगाने की पूरी जानकारी

अमरूद guava मीठा और स्वादिष्ट फल होने के साथ-साथ यें कई औषधीय गुणों से भरपूर भी होता है। अमरुद एक ऐसा फल है। जो भारत के ज्यादातर हिस्सों में उगाया जाता है। आज हम आपके साथ अमरूद को उगाने की पूरी जानकारी शेयर करने वाले हैं। अगर आप शहर में रहते हैं। और अमरुद के पौधे उगाना चाहते हैं। तो आप बड़ी आसानी से अमरूद के पौधे उगा सकते हैं।
अमरूद को किन-किन तरीकों से उगाया जा सकता है। -

■ अमरुद को बीच से भी बड़ी आसानी से उगाया जा सकता है।

■ अमरुद को बीज के साथ-साथ कटिंग cutting से भी उगाया जा सकता है। कटिंग से अमरुद के पौधे काफी जल्दी तैयार हो जाते हैं। कटिंग से तैयार किए गए अमरूद के पौधों पर सिर्फ 1 वर्ष में फल भी आने लगती हैं।

■ अमरुद के पौधे एयर लेयरिंग के द्वारा भी तैयार किया जा सकता है। एयर लिरिंग से तैयार किए गए पौधों पर और भी जल्दी फल आने लगते हैं। अगर आप घर पर अमरुद लगाने की सोच रहे हैं। तो आप अमरुद के पौधे कटिंग से लगाइए या फिर एयर लिरिंग के द्वारा अमरूद बीज से grow होने में काफी समय लेता है। और बीच से grow किए गए अमरूद के पौधों पर कम से कम 3 साल बाद फल आना शुरू होते है।

■ अमरुद के पौधे आप नर्सरी से भी खरीद सकते हैं।

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अमरूद को लगाने का सही समय -
 अमरुद दो मौसम में उगाया जाता है। गर्मी और बरसात गर्मी के मौसम में अमरुद लगाने के लिये मार्च में इनकी seeding तैयार की जाती है। बरसात के मौसम के लिये मई जून के महीने में आप अमरूद की seeding तैयार कर सकते हैं। अमरुद को कटिंग और एयर लेयरिंग के द्वारा मार्च से लेकर सितंबर तक कभी भी उगा सकते हैं

 गर्मी के मौसम ➡️  मार्च में बीज लगायें
 बरसाती मौसम ➡️  मई में बीज लगायें 

 अमरूद कहां पर लगायें-
अगर आपके पास खुद का बगीचा है। तो आप उस बगीचे में अमरुद के पौधे लगा सकते हैं। अमरुद के पौधे आपको जमीन पर 8 से 9 फीट के अंतर पर लगा सकती हैं। अगर आप शहर में रहते हैं। और अमरुद के पौधे भी लगाना चाहती हैं। लेकिन खुद का बगीचा ना होने के कारण आप अमरुद के पौधे नहीं लगा पाते। लेकिन अब आप गमलों में भी काफी बढ़िया अमरुद उगा सकते हैं। आजकल अमरुद में कुछ अलग किस्म की वैरायटी भी आ गई है। जिन्हें आप गमले में लगा सकते हैं। और उन अमरूद के पौधों से अधिक मात्रा में फल और फूल प्राप्त कर सकते हैं। गमले में अमरूद लगाने के लिये कम से कम 18 इंच का गमला या फिर उससे बड़े गमले प्रयोग करें।


 गमले के लिए अमरूद की प्रजाति -
अगर आप अमरुद के पौधे छत पर गमलों में लगाना चाहते हैं। तो ताइवान किस्म या इजराइली अमरुद के पौधे लगाएं। यह दोनों अमरूद की प्रजाति गमलों में बड़ी आसानी से लग जाती हैं। और इन अमरूद के पौधों पर बहुत बड़े-बड़े अमरुद भी आते हैं। जो खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं। अमरूद के पौधों को ज्यादा देखरेख की आवश्यकता नहीं होती है।

गमले में अमरुद के पौधे लगाने के लिये गमला किस प्रकार लें ? -
गमलों में पौधे लगाने के लिये मिट्टी का गमला सर्वोत्तम होता है। अगर आपके पास मिट्टी का गमला नहीं है। तब आप सीमेंट का गमला या प्लास्टिक का गमला ले सकते हैं। गमले में अमरूद के पौधे लगाने के लिये कम से कम 18 इंच का गमला प्रयोग में लाना चाहिए है। या फिर उससे बड़ा गमला

 अमरूद के लिये गमले की तैयारी -
 अमरुद को गमले में लगाने से पहले गमले की निचली सतह में पानी निकलने के लिये ज्यादा से ज्यादा छेद होने चाहिए। अगर गमले में छेद नहीं होंगे। तो अमरुद के पौधे का उचित विकास नहीं होगा। गमले की तली में जो छेद होते हैं। उन छेदों से पानी ही नहीं निकलता बल्कि हवा का भी आगमन होता है। जिससे पौधे की जड़ें काफी तेजी से विकास करती हैं।

अमरुद के लियें  मिट्टी soil की तैयारी -
 गमलों में अमरूद लगाने के लियें सबसे जरूरी और महत्वपूर्ण होता है। मिट्टी की तैयारी आपको अपने बगीचे की नार्मल मिट्टी (50%) और कंपोस्ट खाद (30%) (20%) रेतीली मिट्टी तीनों को आपस में मिक्स करके मिट्टी तैयार करें। और इस मिट्टी को किसी गमले में भरकर मिट्टी को एक समान कर लें।




अमरुद को गमले pot में लगाने की विधि -
अब आपको एक अमरूद का पौधा लेना है। और फिर आपको लेना है। वह गमला जिसमें हमने मिट्टी तैयार करके भरी हुई थी। उस गमले में आपको एक गड्ढा बनाना है। और उसी गड्ढे में आपको अमरूद का पौधा लगा देना है। अमरूद का पौधा लगाने के बाद आप उसमें भरपूर पानी दीजिए। पानी लगाने के बाद आप उस गमले को 2 से 3 दिन के किये छांव में रखें। फिर उस गमले को आप धूप में रख सकते हैं।

अमरूद की देखरेख care -
■ अमरुद के पौधों के आस पास सफाई रखें। इसके लिए प्रत्येक पौधे के लगभग 1•5 से 2 फीट चारों ओर निराई गुड़ाई कर खरपतवार हटा दें।

■ गमले में लगा अमरूद का पौधा 25 से 30 दिन का हो जाए। तब आपको अमरुद के पौधे में पहली बार खाद देनी है। एक अमरुद के पौधे में आपको खाद की मात्रा 200 ग्राम रखनी है। दूसरी बार खाद आपको पौधे में 80 से 85 दिन बाद देनी है। इस बार आपको खाद की मात्रा 50 ग्राम बढ़ा है। अब आपको अमरुद के पौधे में 2 महीने में एक बार खा देनी है। खाद आपको 500 ग्राम के करीब देनी है।

■ प्रत्येक महीने अमरुद के पौधे का निरीक्षण करें। की उसमें कोई दीमक तो नहीं लगी। या उसमें सबसे ऊपर की छोटी-छोटी कोमल पत्तियों काली तो नहीं पड़ रही। अगर ऐसा है। तो तुरंत उचित उपाय करें।

अमरूद के पौधों की देखभाल -
 आमतौर पर अमरूद के पौधों में जिंक या बोराॅन की कमी देखी जाती है। अमरूद के पौधों में जिंक की कमी होने पर अमरूद के पौधों की बढ़वार रुक जाती है। टहनियां ऊपर से सूखने लगती है। अमरुद के पौधे पर फूल भी कम बनने लगते हैं। और फल भी फटने लगते हैं। जिंक की कमी से ग्रसित पौधे में सामान्य रूप से फल नहीं लगते हैं।

 प्रबंधन -
■ सर्दी और वर्षा ऋतु में फूल आने के 15 दिन पहले 500 ग्राम जिंक सल्फेट प्रति पौधे डालनी चाहिए।

■ अमरुद के पौधे पर फूल खिलने से पहले एक बार 15 दिनों के अंतराल पर 0•2 से 0•4 प्रतिशत जिंक सल्फेट का छिड़काव करना चाहिए।


 











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