टमाटर फसल के रोग एवं कीट और उनका नियंत्रण ...

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टमाटर की फसल में लगने वाली प्रमुख बीमारियां                        और रोकथाम

टमाटर की फसल में अनेक प्रकार की बीमारियां प्रकोप करती हैं। इन बीमारियों का समय पर नियंत्रण ना किया गया। तो यह टमाटर की फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर देती हैं।
                खरपतवार नियंत्रण

टमाटर की फसल के साथ अनेक खरपतवार उग आते हैं। जो फसल को विभिन्न प्रकार से क्षति पहुँचाते हैं। वे पौधों से नमी एवं पोषक तत्वों से प्रतिस्पर्धा तो करते ही हैं। साथ ही यें  रोगजनकों  एवं कीटों को आकर्षित करते हैं। जिसके कारण टमाटरों की गुणवत्ता एवं उपज में भारी कमी हो जाती है। टमाटर के पौधों की प्रारंभिक बढ़वार के समय मिट्टी ढीली होनी चाहिए। इसके लिए आपको 2 से 3 बार निराई गुड़ाई करनी चाहिए।



    टमाटर की फसल में लगने वाले प्रमुख कीट

(1). फल छेदक ➡️ इन कीटों का प्रकोप फूल आनेेे पर होता है। इस कीट का मादा नयी पत्तियों पर अंडे देती हैं।
वे फल में छिद्र करके प्रवेश कर जाती हैं। और फल को पूरी तरह से खराब कर देती हैं।

(2). सफेद मक्खी ➡️ यह पत्तियों का रस चूसती है। और पत्तियों में लीफ कर्ल विषाणु का संचारण करती है। इसका अधिक प्रकोप गर्मियों में होता है।

(3). मीली बग ➡️ यें कीट पौधे के विभिन्न भागों का रस चूसते हैं। जिसके कारण पौधा छोटा रह जाता है। इनका कभी-कभी प्रकोप होता है।

(4). जैसिड ➡️ यें हरे रंग केेेेछोटे-छोटे कीड़े होते हैं। यें पत्तियों का रस चूसकर फसल को नुकसान पहुंचाते हैं।

                    रोग नियंत्रण

(1). फल छेदक ➡️ इस कीट से नियंत्रण पाने के लिए आप अपने टमाटर के पौधे पर जैविक तरीके से बनाए हुए नीम ऑयल का स्प्रे करें।

(2). सफेद मक्खी ➡️ सफेद मक्खी का प्रकोप रोकने के लिए आप अपने टमाटर के पौधे ट्राइएजोफोस  का छिड़काव करना चाहिए।

(3). मीली बग ➡️ मीली बग के प्रकोप से पौधे को बचाने के लिए आप अपने टमाटर के पौधे फिस आयल रोसिन सोप का छिड़काव करना चाहिए।

(4). जैसिड ➡️ जैसिड के प्रकोप से पौधे को बचाने के लिए आप अपने टमाटर के पौधे पर मैलाथियान 50 ई॰ सी॰ 1 मिली/लिटर में घोलकर छिड़काव करें।


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